Monday, 18 December 2017

जीत के लिए जिद जरुरी - Insprirational Hindi Story

दोस्तों मैंने हमेशा एक ही बात की है की बिना जिद के जीत नहीं और ये बिलकुल सच है ....हम, सब बड़े बड़े लक्ष्य बनाते हैं .. बड़े बड़े सपने देखते हैं .. ये सपने किसी भी चीज से सम्बंधित हो सकते हैं ! हम सब लक्ष्य तो बनाते हैं पर उसमे उतनी शिद्दत नहीं दे पाते ..आईएएस की तैयारी में भी कई छात्र तैयारी तो करते हैं पर उसक साथ वो एक विकल्प भी बचाकर रखते हैं की अगर वो न हुआ तो ये तो है हमारे पास ...
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दोस्तों बचपन की एक आदत आती है जब बाजार में किसी खिलौने के हम सब मचलते थे फिर मम्मी पापा की मार के बाद भी भूत नहीं उतरता था और जब तक उस चीज को प् नहीं लेते थे कोसिस करते ही रहते थे .... ऐसे तो हमारा बचपन ही अच्छा था कम से कम शिद्दत तो थी किसी चीज को हासिल करने की ...कम से कम हम विकल्प की तलाश तो नहीं करते थे और न ही कोई सरल रास्ता खोजते थे ... 

दोस्तों मैं मानता हूँ कि आईएएस मुश्किल लक्ष्य है पर नामुकिन तो नहीं न ...कोई भी चीज अगर आसानी से मिल जाये तो उसे पाने में वो मजा नहीं रहता जो संघर्ष और मेहनत के साथ किसी चीज को पाने में होता है ...

बहुत पहले मैंने एक छोटे से बच्चे को देखा था वह बड़ी देर पास कि एक कील पर से एक थैला निकलने का प्रयास कर रहा था पर बच्चे कि लम्बाई उस कील से काफी कम थी ...मेरे अंदाज में लगभग तीन गुना ऊपर थी कील ..और उसे छू पाना उसके लिए असंभव था पर इस बात से बिलकुल बेखबर वो लड़का उचक उचक कर लगातार प्रयास करता रहा..जब बार बार असफल हुआ तो दूसरे कमरे में रखा एक स्टूल ले आया ..पर अब भी बात बनी नहीं ..अभी भी थोड़ी उचाई बाकी थी ... लड़का स्टूल पर खड़े होकर फिर उचक कर उसे पाने का प्रयास करता रहा इसी क्रम में कई बार स्टूल का संतुलन बिगड़ा और लड़का जमीन पर गिरा .एक बार तो उसके नाक पर चोट लगी और थोड़ा खून भी निकल आया ...पर अजीब सी जिद पकड़ रखी थी उसने वह फिर खड़ा हुआ , दर्द और खून को नजरअंदाज करते हुए उसने एक बार फिर जोर से प्रयास किया इस बार भी स्टूल गिरा ..और लड़का फिर मुह के बल जमीन पर था पर इस बार वह खाली हाथ नहीं था ..इस बार उसके हाथ में थैला था .... 

                  दोस्तों मैं मानता हूँ अगर शिद्दत हो कुछ पाने की तो आईएएस तो क्या कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है ! एक लक्ष्य हो , एक जूनून हो , थोड़ा हौसला हो , और थोड़ी सी जिद हो तो सारी दुनिया आप अपने कदमो में झुका सकते हो .........
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